बेंगलुरु में हादसा: RCB की जीत के जश्न में 11 लोगों की मौत

RCB की जीत बनी लोगों की मौत का कारण


बेंगलुरु, 5 जून 2025 – रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL ट्रॉफी जीत की खुशी उस समय मातम में बदल गई, जब बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 से ज्यादा घायल हो गए। यह हादसा खराब आयोजन और भीड़ प्रबंधन की कमी के कारण हुआ, जिसने RCB की 4 जून 2025 को पंजाब किंग्स के खिलाफ छह रन से जीत की खुशी को फीका कर दिया।

जीत का जश्न बना त्रासदी

RCB की IPL 2025 की जीत के बाद बेंगलुरु में हजारों प्रशंसक चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास जमा हुए, ताकि विधान सौधा से स्टेडियम तक की विजय परेड में अपने पसंदीदा खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली और नए कप्तान रजत पाटीदार को देख सकें। लेकिन दोपहर 3 बजे तक स्टेडियम के 1 किलोमीटर के दायरे में लगभग 50,000 लोग जमा हो गए, जिससे पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुफ्त प्रवेश पास और परेड के समय में बदलाव की अफवाहों से भीड़ बेकाबू हो गई। हालात तब और बिगड़ गए, जब एक नाले के पास की स्लैब भीड़ के दबाव में टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई। मृतकों में 14 साल की दिव्यांशी, 18 साल के मनोज कुमार, और 29 साल की देवी सहित 11 लोग शामिल हैं। मनोज एक पानी पूरी विक्रेता का बेटा और छात्र था।

सरकार और RCB का रवैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। RCB और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। विराट कोहली ने कहा, “मैं बेंगलुरु की इस त्रासदी से बहुत दुखी हूँ। मेरा दिल उन परिवारों के साथ है जिन्होंने अपनों को खोया।”

हालांकि, RCB की ओर से शुरू में सोशल मीडिया पर उत्सव का वीडियो डालने पर लोगों ने नाराजगी जताई, जिसे बाद में हटा लिया गया। पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जो IPL फाइनल देखने अहमदाबाद आए थे, ने भी X पर लिखा, “मेरी और अक्षता की संवेदनाएँ बेंगलुरु के पीड़ितों के साथ हैं।”

जांच और सवाल

कर्नाटक हाई कोर्ट आज, 5 जून 2025 को इस मामले की सुनवाई करेगा। शुरुआती जांच में आयोजकों, कर्नाटक सरकार और IPL प्रबंधन के बीच तालमेल की कमी सामने आई है। IPL चेयरमैन अरुण धूमल ने कहा कि उन्हें बेंगलुरु में परेड की कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस के “हल्के बल” प्रयोग की भी आलोचना हो रही है।

X पर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, “यह सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि आयोजन की नाकामी है। सरकार ने भीड़ बुलाई, लेकिन संभाल नहीं पाई।”

सबक की जरूरत

RCB की 18 साल बाद आई जीत बेंगलुरु को एकजुट करने वाली थी, लेकिन अब शहर 14 साल की स्कूली छात्रा और अन्य युवाओं की मौत का शोक मना रहा है। इस हादसे ने बेहतर भीड़ प्रबंधन और आयोजन की जरूरत को उजागर किया है। जैसा कि एक X पोस्ट में कहा गया, “जीत हमें खुशी में जोड़ती है, लेकिन यह दुख हमें और गहरा करता है।”

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